Not known Details About Shiv chaisa

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

It is made of forty verses (chalisa), created in the Hindi language. The chalisa is structured in a poetic structure and is also greatly recited by devotees as a method to praise and request blessings from Lord Shiva.

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ shiv chalisa lyricsl हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया shiv chalisa lyricsl उपद्रव तारक भारी ।

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

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